चाईबासा
सुकन्या संस्था बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट से पारित आदेश एवं झालसा के निर्देशानुसार गठित जिला स्तरीय जांच दल के द्वारा मंगलवार को मंडल कारा में जांच अभियान चलाया गया। जांच दल में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस के अधिकारियों को शामिल किया गया था। संयुक्त जांच अभियान में प्राधिकार के अध्यक्ष और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर, एसपी आशुतोष शेखर, प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ सुशांतो मांझी , कार्यपालक अभियंता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर सहित विभिन्न पदाधिकारी शामिल थे। जांच दल में शामिल अधिकारियों ने जांच के क्रम में चाईबासा मंडल कारा में रह रहे बंदियों से बातचीत की तथा उनसे जानकारी ली गई कि क्या उन लोगो के साथ जाति, धर्म या लिंग के आधार पर कारा में किसी तरह का कोई भेदभाव किया जाता है। साथ ही खान-पान एवं पढ़ाई लिखाई या इलाज में किसी तरह का कोई भेदभाव किया जाता है। इस पर सभी बंदियों ने बताया कि उनके साथ किसी तरह का कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता है। वे सभी एक साथ भोजन करते हैं। अध्ययन कक्ष में भी एक साथ पढ़ाई करते हैं। पीडीजे, एसपी व अन्य अधिकारियों ने मंडल कारा के बंदी पुस्तिका का भी अवलोकन किया।
अधिवक्ता के विषय में बंदियों ने बताया कि सभी का अपना-अपना वकील है।
उन्होंने यह भी बताया कि डालसा के विजिटर अधिवक्ता नियमित रूप से जेल आते हैं और बंदियो से मुलाकात कर उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करते हैं।