जमशेदपुर, झारखंड : कुड़मी समुदाय द्वारा आहूत “रेल टेका डाहेर छेका” आंदोलन के तहत शनिवार को आंदोलनकारी बड़ी संख्या में रेलवे ट्रैक पर जुट गए। आंदोलनकारियों का मुख्य केंद्र चक्रधरपुर रेल मंडल के सिनी रेलवे स्टेशन और जमशेदपुर के गालूडीह स्टेशन रहा, जहां सुबह से ही समुदाय के हजारों लोग जमा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। संविधान की अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने, कुड़मालिकि भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता देने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि इन मांगों को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
सुबह से ही आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे ट्रेन परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई दूरगामी ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आंदोलनकारी ढोल-नगाड़े बजाकर पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए अपने हक की मांग उठा रहे थे। हालात को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की। प्रशासन ने आंदोलनकारियों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने और ट्रैक खाली करने की अपील की।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब कुड़मी समाज ने रेलवे ट्रैक को जाम किया हो। इससे पहले भी गालूडीह स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने ऐसा प्रदर्शन किया था। इस बार भी दोबारा बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और युवा पहुंचकर धरने में शामिल हुए।
कुड़मी समाज के नेताओं ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर केंद्र और राज्य सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, आंदोलन और तेज होगा।
