शुभम राणा
बहरागोड़ा
पश्चिम बंगाल और ओड़िसा के त्रिवेणी संगम पर बसे झारखण्ड के बहरागोड़ा प्रखंड के गुहियापाल पंचायत अंतर्गत बाकदहो गांव में धूमधाम से करमा पूजा का आयोजन किया गया| शनिवार को आयोजित इस पूजा में आदिवासी,मुंडारी,कुड़मी तथा अन्य समाज के लोग इस त्योहार को धूमधाम और काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया |
करमा पर्व पर्व बँगला पंचांग के आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता हैं परंतु इसके विधि-विधान पांच दिन पहले से शुरू हो जाती है। सभी समुदाय के लोग करम देव से अच्छे फसल की कामना करते हैं और बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दौरान पूजा करने वाले लोग तालाब तथा नदी से बांस के बनी डाला में बालू उठाकर विधि-विधान के साथ पूजा कराने के बाद करम डाली ले कर आये ओर पूजास्थल पर स्थापित किया गया।
देर शाम पाहन अखरा में करम-धरम की कथा सुनाए। इस दौरान नृत्य संगीत का वातावरण रहा। रात भर करम डाली के पास पूजा-अर्चना की गई।इस दौरान रात भर करम लोकनृत्य व संगीत का दौर चलता रहा। युवा वर्ग मांदर की थाप पर जमकर नृत्य किए। पाहन या प्रधान के द्वारा करम राजा की पूजा कराया गया। मान्यतानुसार कन्याएं भाइयों को जंगली घास की राखी बांधे। रविवार की सुबह पास की नदी एवं तालाबों में करम राजा व जावा का विसर्जन किया जाएगा। गाँव में आयोजित इस करम पूजा को सफल बनाने में शरोव मुंडा के साथ सभी ग्रामीणों का अहम् योगदान रहा|