जमशेदपुर
ही मेला के मुख्य संयोजक एवं सांसद विद्युत वरण महतो, सह संयोजक आस्तिक महतो सहित कई लोग उपस्थित थे सांसद विद्युत वरण महतो ने बताया कि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए यह आयोजन लगातार कर रहे हैं। जमशेदपुर एक छोटा भारत है। यहां सभी धर्म जाति संप्रदाय के लोग रहते हैं। इस टुसू मेला में सभी लोग भाग लेते हैं।उन्होंने बताया कि झारखंड से मजदूरी करने गए देश के तमाम हिस्सों से टुसू मेला में भाग लेने और मनाने के लिए लोग आते हैं।उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की टुसू मेला के लिए तीन दिन छुट्टी घोषित की जाय। भले ही कुछ लंबी छुट्टियों को काटना पड़े।उन्होंने कहा कि पूरे कोल्हान के अलावा बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से और उड़ीसा के विभिन्न क्षेत्रों से भी लोग अपने परंपरागत बूढ़ी नाच,टुसू मूर्ति आदि टीम के साथ आते हैं। उन्होंने कहा कि हम जितने भी आधुनिक हो जाए, लेकिन हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। जिस दिन उसे हम भूल गए, उस दिन हम अपने जाति से भी कट जाएंगे।