
जमशेदपुर : राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भले ही रोज नए दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में गंभीर रूप से घायल गोइलकेरा निवासी शुक्रा अंगरिया (उम्र 46 वर्ष) को 12 घंटे बीत जाने के बाद भी 108 एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाई.परिजनों ने बताया कि उन्होंने सुबह से लेकर अब तक 108 नंबर पर 30 से 35 बार कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. कॉल बार-बार कट जा रहा था. हालत गंभीर होने के बावजूद, कोई भी सहायता समय पर नहीं मिली. इसी दौरान भाजपा नेता विमल बैठा को खबर मिलने पर वे खुद एमजीएम पहुंचे और परिजनों के मोबाइल से 108 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कॉल फिर कटता रहा.
प्राइवेट एंबुलेंस के लिए नहीं थे पैसे
विमल बैठा ने सवाल उठाया कि एक दिन पूर्व ही राज्य के शिक्षा मंत्री और अन्य पदाधिकारियों ने 5 नई एंबुलेंसों का उद्घाटन किया था, लेकिन आज एक भी एंबुलेंस जरूरतमंद मरीज तक नहीं पहुंची. क्या यह एंबुलेंस सिर्फ दिखावे के लिए है.? उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मरीज को रिम्स रेफर किया है और साफ कहा है कि जल्द से जल्द इलाज नहीं हुआ तो जान जा सकती है. लेकिन दुखद है कि मरीज गरीब और आदिवासी है, जिसके पास प्राइवेट एंबुलेंस के लिए पैसे तक नहीं हैं.
स्वास्थ्य मंत्री से मांगा जवाब
भाजपा नेता विमल बैठा ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया है – क्या 108 सेवा सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है. क्या गरीब की जान की कोई कीमत नहीं. उन्होंने मांग की कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है. उनका कहना है कि यदि समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती, तो मरीज को बेहतर इलाज मिल सकता था. सरकार को ऐसी लापरवाही के लिए जवाबदेह बनाना होगा.
