जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के उत्कल संघ द्वारा रज पर्व पारंपरिक उल्लास और सांस्कृतिक रंगों के साथ मनाया गया। यह ओडिशा का प्रमुख त्योहार है जो तीन दिनों तक चलता है पहिला रज, रज पर्व और बसुमती स्नान। मान्यता है कि इन दिनों माता लक्ष्मी मासिक धर्म में होती हैं, इसलिए पूजा-पाठ नहीं किया जाता।इस अवसर पर महिलाओं और युवतियों ने नए वस्त्र धारण कर झूला झूला और कई पारंपरिक गतिविधियों में भाग लिया। खास तौर पर ओडिशा की विशेष मिठाई ‘पोड़ो पीठा’ समेत विभिन्न प्रकार के पीठा बनाए गए और सामूहिक रूप से इसका आनंद लिया गया। जहां पहले यह पर्व गांवों और कस्बों में पारंपरिक रूप से मनाया जाता था, वहीं अब ओडिशा के बाहर रहने वाले लोग भी सामूहिक रूप से इसका आयोजन करते हैं। पूर्वी सिंहभूम में उत्कल संघ, जो क्षेत्र का सबसे पुराना ओडिया संगठन माना जाता है, वहां महिला सदस्य पूरे उत्साह के साथ इस पर्व को मना रही हैं।
कार्यक्रम में ओडिसी, संबलपुरी और रज नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियां दी गईं। महिलाओं ने मंच पर अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन किया। साथ ही एक विशेष फैशन शो का आयोजन भी किया गया, जिसमें महिला विंग की 12 सदस्याओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने पारंपरिक परिधानों में रैंप वॉक कर सभी का मन मोह लिया।फैशन शो में निर्णायक के रूप में कोमल राव, ओजस्विनी महांता और अमृता मिश्रा उपस्थित थीं। इस प्रतियोगिता में सुखाश्री मोहंती को सेकंड रनर-अप, जयश्री महापात्र को फर्स्ट रनर-अप घोषित किया गया। ममुनि दास को ‘रज क्वीन 2025’ के खिताब से नवाजा गया।
इस आयोजन में रज पान का भी विशेष महत्व रहा, जो इस पर्व का प्रतीक माना जाता है। महिला सदस्यों ने मिलकर इस पारंपरिक पर्व को न सिर्फ जीवंत किया बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए रखने का संदेश दिया।
