जमशेदपुर: बिष्टुपुर के माइकल जॉन सभागार में शनिवार को ऑल इंडिया संताली फिल्म एसोसिएशन (आइसफा) ने ओलचिकी लिपि के 100 साल पूरे होने और संताल हूल दिवस मनाया गया. यह समारोह संताल विद्रोह के नायकों, शहीद सिदो-कान्हू की याद में था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद विद्युतवरण महतो और विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी, अरका जैन यूनिवर्सिटी के कुलपति एसएस रज्जी, जुगसलाई तोरोफ परगना दशमत हांसदा, साहित्यकार भोगला सोरेन, अधिवक्ता राजेश शुक्ल और आसेका के महासचिव शंकर सोरेन मौजूद थे. इस मौके पर, अतिथियों ने रमेश हांसदा द्वारा लिखी गई एक नई किताब “संताली सिनेमा और दशरथ हांसदा-ए अनटोल्ड स्टोरी” का विमोचन किया.
यह पुस्तक हिंदी, अंग्रेजी और संताली, तीनों भाषाओं में लिखी गई है. सांसद विद्युतवरण महतो ने कहा कि यह किताब युवाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और इसके माध्यम से देश-दुनिया के लोग संताली सिनेमा के इतिहास को जान पाएंगे. समारोह में उन विशिष्ट लोगों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने ओलचिकी लिपि के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. सम्मानित होने वालों में पंडित रघुनाथ मुर्मू के साथ छापाखाना चलाने वाले स्व. फूरमल किस्कू, ओलचिकी लिपि को लोगों तक पहुँचाने वाले स्व. हाजाम चरण मुर्मू, और संताली लोकगीतों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले दुर्गा चरण मुर्मू शामिल थे.
कार्यक्रम में नुना राम मुर्मू और अन्य कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ हुआ.
