सरायकेला, झारखंड : कुड़मी समाज को आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन रेल टेका डहर छेका आंदोलन के तहत शनिवार को हेसालोंग रेलवे स्टेशन के पास ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते हुए मुरी-टाटा रेलमार्ग जाम कर दिया गया। आंदोलन में कई राजनीतिक दलों के नेता भी कुड़मी समाज के साथ रेल पटरी पर बैठ गए जिससे इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बाधित हो गया। इस दौरान बरकाकाना से टाटा जाने वाली लोकल सवारी गाड़ी (68086) को करीब तीन घंटे तक ट्रैक पर रोके रखा गया और अंततः ट्रेन को वापस लौटना पड़ा। ट्रेन में कई सब्जी विक्रेता भी फंसे रहे जिनमें ज्यादातर कुड़मी समाज से जुड़े थे।
तिरुलडीह की गुलाबी महताईन ने बताया कि वह प्रतिदिन चांडिल जाकर सब्जी बेचती हैं, लेकिन आंदोलन के चलते सब्जी खराब होने से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। आंदोलन से प्रभावित लोगों की परेशानी पर न तो राजनीतिक दलों के नेताओं ने, न ही आंदोलनकारियों और न ही मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट ने कोई संतोषजनक जवाब दिया। इससे आमजन और छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
