पाकुड़,झारखंड :पाकुड़ के गोकुलपुर स्थित बाजार समिति मैदान के समीप गुरुवार को झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ के बैनर तले जेएसएलपीएस कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया।
इस दौरान कर्मियों ने नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया और छह सूत्री मांग पत्र मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, पलाश जेएसएलपीएस, रांची को सौंपा। धरना स्थल पर भारी संख्या में पहुंचे कर्मचारियों ने कहा कि वे वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन और महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो उचित वेतन मिल रहा है और न ही सेवा स्थायित्व का लाभ।
धरना में मौजूद संघ की सक्रिय सदस्य सुहागिनी मुर्मू ने कहा कि कर्मियों की लगातार अनदेखी हो रही है। “हम रात-दिन गांव-गांव जाकर महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं, स्वयं सहायता समूह बना रहे हैं और योजनाओं को सफल बना रहे हैं। फिर भी हमारी स्थिति अस्थिर बनी हुई है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।वहीं कर्मचारी संघ के सदस्य मानिक मंडल ने कहा कि JSLPS के कर्मचारी ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं। “हमारा स्थायीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन और गृह जिले में पदस्थापन सुनिश्चित होना चाहिए। यदि सरकार हमारी उपेक्षा करती रही, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र रूप लेगा।धरना के उपरांत सौंपे गए ज्ञापन में कर्मियों ने सोसाइटी एक्ट समाप्त कर कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।,केंद्र सरकार की NMMU पॉलिसी को बिना कटौती अक्षरसः लागू किया। जाए।,अनुभव और योग्यता के आधार पर स्तर–07 और स्तर–08 के कर्मियों को पदोन्नति का अवसर मिले।,राज्यकर्मियों की तर्ज पर वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ता सुनिश्चित किया जाए,कर्मियों की पदस्थापना गृह जिले के नजदीकी प्रखंडों में की जाए,सभी FTE कर्मियों का वेतन SNA SPARSH प्रणाली से भुगतान किया जाए जैसे कई मांगे शामिल है।
सरकार को दी चेतावनी
धरना में शामिल कर्मियों ने साफ कहा कि उनकी मांगें जायज हैं और इन्हें टाला नहीं जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन का दायरा और बड़ा होगा तथा राज्यव्यापी संघर्ष छेड़ा जाएगा। गुरुवार को हुए इस धरने से स्पष्ट है कि अब जेएसएलपीएस कर्मी अपने अधिकारों की लड़ाई को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं।
