- महज लगभग 5 किलोमीटर के सफर तय कर वार्ता स्थल पर पहुंचने में लगभग 11 घंटे का समय प्रशासनिक महकमे को लग गया.
- सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घटना घटित होने पर कितना लगेगा वक्त साहब ??❓
उमेश कांत गिरि
घाटशिला
…हुजूर आते-आते बहुत देर कर दी. महज लगभग 5 किलोमीटर के सफर तय कर वार्ता स्थल पर पहुंचने में अनुमंडल अधिकारी को लगे लगभग 9 घंटे तो किसी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी घटना के घटित होने पर कितना लगेगा समय यह यक्ष प्रश्न वहां पर मौजूद घटनास्थल पर बैठे दुर्घटना से हो चुके मृत्यु बालक मुंडा के परिजन, बच्चे, ग्रामीण और जनता पूछ रहे हैं, यह यक्ष प्रश्न साहब???

घाटशिला अनुमंडलाधिकारी सुरेश चंद्र और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारीयों कि ओर से पूरी तरह से शिथिलता उदासीनता बेपरवाही घोरपरवाही गैर जिम्मेदाराना रवैया पूर्ण अपनाने कि वजह से ही वार्ता स्थल तक पहुंचने में लगभग 9 घंटे की विलंबता हुई। सभी लोग इस बात को मान रहे थे।

कि अगर प्रशासनिक अमला चाहती तो यह वार्ता स्थल पर पहले ही पहुंचकर सुबह में ही जाम को हटाया जा सकता था। पर प्रशासनिक अमला की हठधर्मिता कि वह इस जाम को जल्द वार्ता कर जाम खत्म करने के साइलेंट मूड से एक्टिव मूड में नहीं दिख रही थी। इस प्रकरण में स्पष्टता रूप से दिखाई पड़ी.
अपनी वाजिब मांग पर सड़क पर बैठे पीड़ित परिजन जो समर्थन दे रहे हैं ग्रामीण के अलावे सड़क के दोनों रांची से कोलकाता की ओर जाने वाले सड़क और कोलकाता से रांची जमशेदपुर रांची की ओर जाने वाले सड़क पर वाहनों की लंबी कतार के चालक भी परेशान हलकान होकर घटनास्थल पर मौजूद मीडिया वालों से लेकर उपस्थित सभी लोगों से बीच-बीच में पूछ रहे थे कि यह जाम कब खत्म होगा सटीक बताने वाला कोई नहीं हालांकि घटनास्थल पर अंचलाधिकारी निशांत अंबर और घाटशिला थाना प्रभारी वंश नारायण सिंह स्थिति पर नजर रखने के लिए मौजूद रहते हुए जाम कब खत्म होगी स्पष्ट रूप से बता पाने में असमर्थता जाता रहे थे।
जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 18 आज सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक प्रशासनिक अमला कि बेपरवाही, घोर लापरवाही उदासीनता से ही गुरुवार 2 अक्टूबर 2025 को लगभग 9 घंटे राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से जाम रहा। न्यूज़ मीडिया में खबर चलने के बाद ही ऊपर के उच्च अधिकारियों तक खबर पहुंची। और उनके आदेश रूपी दबाव से ही घाटशिला के प्रशासनिक अमला “साइलेंट मोड” से “एक्टिव मोड” में आकर फौरन हरकत में आई और घटनास्थल की ओर कुच करते हुए वार्ता की पहल करने के लिए निकल पड़े. घाटशिला अनुमंडलाधिकारी अपने लाव-लश्कर काफिले को साथ लेकर तकरीबन जाम खुलवाने कि कवायद में तामुकपाल स्थान पर लगभग रात 8:00 बजे घटनास्थल पर धरने पर बैठे परिजन एवं ग्रामीणों के साथ वार्ता का पहल आरंभ किया। वार्ता का दौर तकरीबन 1 घंटे तक चली उनके सभी उचित मांगों को दिलाने में हर संभव सहयोग करने का वादा करते हुए जाम को मुक्त कराने में सफलता हासिल किया.

वार्ता स्थल पर अनुमंडल अधिकारी सुरेश चंद्र को लोगों द्वारा उस सड़क मार्ग को मिट्टी द्वारा डालकर अवरुद्ध किए जाने वाले स्थल को दिखाकर अनेकों खामियां कि ओर ध्यान भी आकर्षित कराया गया. अनुमंडल अधिकारी सुरेश चंद्र ने राष्ट्रीय राजमार्ग के उच्च अधिकारियों कि धोर लापरवाही को मानते और स्वीकारते हुए कहा कि दरअसल यह दुर्घटना राष्ट्रीय राजमार्ग के अनेको जगहों पर पुल निर्माण और कहीं जर्जर सड़क की समय सीमा अवधि में रिपेयरिंग न किए जाने की वजह से और डायवर्जन वाले जगह पर ठीक से सांकेतिक चिन्ह नहीं दिए गए हैं.

सिर्फ सड़क पर थोड़ी सी मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया है. जिससे दूर से ही तेज गति वाहन चालकों को बिल्कुल भी नहीं दिख पाता है. कि यहां से सीधी दिशा में न जाकर इस जगह से गाड़ियों को धीमी गति से डायवर्सन स्थल से मोड़कर बगल वाले वन-वे रोड की ओर गाड़ियों को मोड़ते हुए सीधी दिशा में जाना है. जिस कारण सामने आने के बाद वाहन चालक डायवर्जन वाले जगह पर हड़बड़ा कर अपना संतुलन खो बैठते हैं. जिसके फलस्वरूप ऐसी जानलेवा दुर्घटनाओं का शिकार आए दिन लोग हो रहे है.
गौरतलब हो कि गुरुवार 2 अक्टूबर 2025 को घाटशिला थाना क्षेत्र तामुकपाल गांव के समीप एनएच 18 फोरलेन पर ट्रेलर की चपेट में आने से गुरुवार की सुबह लगभग 10:00 बजे एक स्थानीय व्यक्ति बालक मुंडा व्यक्ति की मौत हो गई।
जबकि कलिकापुर निवासी दंपति पत्नी मौसमी भकत (40), पति किशोर भगत (42) एवं खलासी समेत तीन लोग घायल हो गए। जबकि चालक घाटशिला पुलिस के कब्जे में घाटशिला थाना में है। स्थानीय लोगों की मदद से मृतक सहित घायलों को तत्काल अनुमंडल अस्पताल घाटशिला पहुंचाया गया। अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. आर एन सोरेन एवं डॉ मीरा मुर्मू ने घायल का प्राथमिक उपचार कर गंभीर रूप से घायल महिला एवं ट्रेलर चालक के चालक को बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर रेफर कर दिया। तमुकपाल निवासी बालक मुंडा की मौत घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं कलिकापुर निवासी किशोर भकत (42) को हल्की चोट लगी है जबकि उनकी पत्नी मौसमी पाल (40) गंभीर रूप से घायल हैं। मौसमी पाल के दोनों पैर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हैं। इस दुर्घटना में ट्रेलर (संख्या जेएच 24 एन 0674) का चालक गंभीर रुप से जख्मी हो गया। चालक के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। दुर्घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण हाईवे जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही हाईवे को वन वे किया गया है, यहां दोनों ओर से वाहनों का परिचालन शुरू कराया जाए। समाचार लिखे जाने तक हाइवे लगभग 10 घंटे से जाम है। ग्रामीण और लोगों में इस बात से पूरी नाराजगी व्याप्त है कि प्रशासन के कोई बढ़िया पदाधिकारी इस पर कोई पहल नहीं कर रहे हैं और नहीं आने की जन्नत उठा रहे हैं जबकि गाड़ियों की कतार बढ़ती जा रही है दोनों तरफ सड़क के दोनों अधिकारियों की लंबी कतार लगती जा रही है और इस सड़क पर मृतक के पुत्र, महिला, पुरुष, बच्चे और ग्रामीण अब तक सड़क पर बैठकर डटकर जमे हुए हैं। सभी लोग नाराजगी भरे स्वर मे प्रशासन को कोसते हुए किसी ठोस पहल की उम्मीद से बैठे हुए हैं। और मांग कर रहे हैं कि जब तक प्रशासन के वरीय पदाधिकारी साथ नेशनल हाईवे के उच्चाधिकारी को घटनास्थल पर वार्ता के लिए बुलाए जाने की मांग पर अडिग है। कहते हैं की जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी। तब तक सड़क मार्ग अवरुद्ध रहेगा। प्रशासन द्वारा पहल की देरी से परिजन और ग्रामीण गुस्से और नाराजगी में है। परिजन और ग्रामीण खुलेआम आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन और नेशनल हाईवे पूरी तरह इस घटना का जिम्मेदार है इसके पूर्व भी कई घटना घट चुकी है। पर जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं। यह सड़क कई घर के चिरागों को बुझा चुका है और बुझाने को तत्परता के साथ आमादा दिख रहा है। वास्तव में यह कहना लाजमी होगा कि यह मौत का तांडव नेशनल हाईवे और प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता मोनी बाबा बन कर सिर्फ देखते रहने में माहिर साबित हो रही है। पर उनकी तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है। यह मौत का आंकड़ा कब तक रुकेगी कहा नहीं जा सकता। वर्तमान में यह नेशनल हाईवे मुख्य पथ, अग्निपथ बनाम कई घरों के चिराग को लीलने वाला मौत का पथ बन चुका है…..










