ग्रामीणों का टूटा सब्र, बुनियादी सुविधाओं को लेकर उभरा गुस्सा, सड़क, स्वास्थ्य और सिंचाई हमारी हक़ की माँग है, भीख नहीं – जन अधिकार सुरक्षा कमेटी।

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घाटशिला:  जनजीवन के मूलभूत सुविधा नहीं मिलने के खिलाफ जन अधिकार सुरक्षा कमेटी एवं संयुक्त ग्राम सभा संचालन समिति के तत्वाधान पर अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला के नाम 11 सूत्री मांगों पर ज्ञापन सौंपा गया।

घाटशिला अनुमंडल के अंतर्गत आने वाले झांटीझरना, कालचिती पंचायत के बासाडेरा, डायन मारी, फूलझोर, भामराडीह, बालीडीह, बालिआम, टिकरी, बुरुडीह, हीरागंज धोबनी तेडापानी, भूमरु, श्याम नागिन, सिंदरआम, रामचंद्रपुर, ऊपर पांवड़ा गहनडीह सहित आसपास के गाँवों के भारी संख्या मे ग्रामीण आज अनुमंडल पदाधिकारी, घाटशिला के कार्यालय पहुँचे और एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।ग्रामीणों ने कहा कि आज़ादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका इलाका मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित है। सड़कें टूटी-फूटी, स्वास्थ्य केंद्र वीरान, सिंचाई व्यवस्था ठप और रोजगार के अवसर नगण्य – यही है इस इलाके की असली तस्वीर।

गाँव-गाँव से आए बुजुर्ग, महिलाएँ और युवा प्रशासन के समक्ष एक ही स्वर में बोले –

“हम भी इस देश के नागरिक हैं, हमें भी सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। सड़क, स्वास्थ्य और सिंचाई हमारी हक़ की माँग है, किसी पर एहसान नहीं।” हालात इतने खराब कि एम्बुलेंस तक नहीं पहुँच पाती हैं। ज्ञापन में बताया गया कि गाँवों की सड़कें इतनी जर्जर हैं। कि बरसात में पैदल भी कीचड़ और गड्ढों से गुजरना नामुमकिन हो जाता है। कई बार बीमार मरीज और गर्भवती महिलाएँ अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ देती हैं। अब बस करें हमारी चुप्पी धैर्य टूट चुकी हैं।

ग्रामीणों का रोष – “अबकी बार आर-पार की लड़ाई”।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वे अब और इंतज़ार नहीं करेंगे।उनकी साफ़ मांग है, कि यदि 20 दिनों के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे चरणबद्ध उग्र आंदोलन की राह अपनाएँगे।

गाँव-गाँव से आए प्रतिनिधियों ने कहा –

“हम सड़क पर उतरेंगे, धरना देंगे, प्रदर्शन करेंगे और अपनी आवाज़ पूरे राज्य तक पहुँचाएँगे। यदि हमारी समस्याएँ नहीं सुलझीं, तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।”

ज्ञापन में सैकड़ों ग्रामीणों के हस्ताक्षर और अंगूठे लगे हैं। जनप्रतिनिधियों, ग्राम सभा के मुखियाओं, महिला समूहों और युवाओं ने मिलकर इस मुद्दे को “गाँव की इज्ज़त और अस्तित्व की लड़ाई” बताया।

ज्ञापन सौंपने के दौरान गाँव की महिलाएँ भी खुलकर सामने आईं। उन्होंने कहा –

 “हमारे बच्चे कीचड़ में गिरते-पड़ते स्कूल जाते हैं, बीमार लोग समय पर अस्पताल न पहुँच पाने से दम तोड़ते हैं। अब हमारी चुप्पी टूट चुकी है।”

प्रशासन के लिए खुला संदेश, ग्रामीणों ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया –

“हम आदिवासी , पिछड़ा,गरीब ज़रूर हैं लेकिन जागरूक भी हैं। अपने अधिकार के लिए लड़ना जानते हैं।”

“सरकार विकास की बातें करती है, पर हमारे गाँव आज भी उपेक्षा का शिकार हैं। अब हम पीछे नहीं हटेंगे।”

यह आंदोलन सिर्फ़ सड़क, स्वास्थ्य और सिंचाई की माँग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गाँवों की उपेक्षा के ख़िलाफ़ वर्षों से दबे हुए आक्रोश का विस्फोट है।

ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि वे अपने हक़ की लड़ाई शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त ढंग से लड़ेंगे।

“सड़क, स्वास्थ्य और सिंचाई – यही है गाँव की जीवनरेखा। अगर यह नहीं मिला, तो गाँवों का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा।” इसमें मुख्य रूप जोसेफ मुर्मू, बलराम सोरेन, पानमोनी सिंह, सुमित्रा सोरेन, सुबोध कुमार माहली, संतोष मुर्मू, जोन मुर्मू, श्रीमंत बारिक, नन्द हंसदा, सुमन मुर्मू, कालीराम सोरेन, जोसेफ हेंब्रम, रामधन सोरेन, श्याम हेंब्रम, जेठू बास्के, गंगा राम महतो, जनमेजय महतो, भरत मानडी, धनंजय सिंह, रितेश मुर्मू, बिष्णु हेंब्रम, बाप्पा मुर्मू आदि ग्रामीण उपस्थित थे।

मुख्य मांगे 

1. घाटशिला प्रखंड के फूलडूंगरी स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 18 पर आर पार आवागमन के लिए अंडरपास बनाना होगा।

2. राष्ट्रीय राजमार्ग 18 से झाटीझरना होते हुए बंगाल सीमा तक सड़क निर्माण अभिलंब करना होगा ।

3. बुरूडीह मुख्य सड़क से टिकरी गांव तक पक्की सड़क के निर्माण करना होगा।

4. घाटशिला अनुमंडल अस्पताल तथा झाटीझरना बुरूडीह उपस्वस्थ केंद्र पर उचित मात्रा में डॉक्टर नर्स तथा स्वस्थ उपकरण उपलब्ध कराया जाए।

5. बुरूडीह मुराहिर डैम में संयुक्त ग्राम सभा संचालन समिति को नौका परिचालन के लिए पुनः नवीकरण अनुमति दी जाए ।

6. गांव बासाडेरा, डायनमारी एवं झाटीझरना में लगाए गए बीएसएनएल टावर को शीघ्र चालू किया जाए।

7. बासाडेरा गांव से धारा गिरी झरना जाने वाली सड़क एवं बासाडेरा गांव का सड़क निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए।

8. बुरूडीह मुराहिर डैम परिसर में खराब स्ट्रीट लाइट की बजाय हाईमास्ट लाइट, शुद्ध पेयजल, कैफेटेरिया में खेलकूद की सामग्री, शौचालय की निर्माण, दांया तथा बायां में मुख्य गेट की मरम्मती कराया जाए।

शीतल दाहा चेक डैम की दोनों गेट मरम्मती करण तथा शीतल दह चेक डैम से बांधडीह तक और बुरूडीह से चांडिल केनल तक पक्की सिंचाई नाला की निर्माण।

9. दुर्घटना की आशंका देखते हुए शीतल दाहा नदी की क्षतिग्रस्त पुलिया को अभिलंब मरम्मत किया जाए।

10. गांव भंवराडीह हाट टोला से श्याम नागिन ग्राम तक जर्जर सड़क का मरम्मत किया जाए।

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Author: Desh Live News

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