घटनास्थल से देश लाईव संवाददाता उमेश कांत गिरि की रिपोर्ट.

- घाटशिला थाना क्षेत्र के तामुकपाल गांव के समीप एनएच 18 पर ट्रेलर की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत महिला दंपति और, ट्रेलर चालक खलासी समेत तीन घायल.
- प्रशासन की शिथिलता से एन एच हाईवे 18 लगभग 10 घंटे से जाम.
सड़क के दोनों और लगभग 5 किलोमीटर तक गाड़ियों का लगा लंबा काफिला - परिजन और ग्रामीण सड़क पर अब तक बैठे जमे हुए हैं. प्रशासन की अब तक कोई ठोस पहल नहीं. ग्रामीणों का कभी भी फुट सकता है आक्रोश.
- वर्तमान में यह नेशनल हाईवे विकास का बना पथ, अग्निपथ बनाम मौत का पथ.
उमेश कांत गिरि
घाटशिला
घाटशिला थाना क्षेत्र के तामुकपाल गांव के समीप एनएच 18 फोरलेन पर ट्रेलर की चपेट में आने से गुरुवार की सुबह 11 एक स्थानीय बालक मुंडा व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कलिकापुर निवासी दंपति पत्नी मौसमी भकत (40), पति किशोर भगत (42) एवं खलासी समेत तीन लोग घायल हो गए।
जबकि चालक घाटशिला पुलिस के कब्जे में घाटशिला थाना में है। स्थानीय लोगों की मदद से मृतक सहित घायलों को तत्काल अनुमंडल अस्पताल घाटशिला पहुंचाया गया। अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. आर एन सोरेन एवं डॉ मीरा मुर्मू ने घायल का प्राथमिक उपचार कर गंभीर रूप से घायल महिला एवं ट्रेलर चालक के चालक को बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर रेफर कर दिया।

तमुकपाल निवासी बालक मुंडा की मौत घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं कलिकापुर निवासी किशोर भकत (42) को हल्की चोट लगी है जबकि उनकी पत्नी मौसमी पाल (40) गंभीर रूप से घायल हैं। मौसमी पाल के दोनों पैर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हैं। इस दुर्घटना में ट्रेलर (संख्या जेएच 24 एन 0674) का चालक गंभीर रुप से जख्मी हो गया।
चालक के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। दुर्घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण हाईवे जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही हाईवे को वन वे किया गया है, यहां दोनों ओर से वाहनों का परिचालन शुरू कराया जाए। समाचार लिखे जाने तक हाइवे लगभग 10 घंटे से जाम है।
ग्रामीण और लोगों में इस बात से पूरी नाराजगी व्याप्त है कि प्रशासन के कोई बढ़िया पदाधिकारी इस पर कोई पहल नहीं कर रहे हैं और नहीं आने की जन्नत उठा रहे हैं जबकि गाड़ियों की कतार बढ़ती जा रही है दोनों तरफ सड़क के दोनों अधिकारियों की लंबी कतार लगती जा रही है और इस सड़क पर मृतक के पुत्र, महिला, पुरुष, बच्चे और ग्रामीण अब तक सड़क पर बैठकर डटकर जमे हुए हैं।
सभी लोग नाराजगी भरे स्वर मे प्रशासन को कोसते हुए किसी ठोस पहल की उम्मीद से बैठे हुए हैं। और मांग कर रहे हैं कि जब तक प्रशासन के वरीय पदाधिकारी साथ नेशनल हाईवे के उच्चाधिकारी को घटनास्थल पर वार्ता के लिए बुलाए जाने की मांग पर अडिग है। कहते हैं की जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी। तब तक सड़क मार्ग अवरुद्ध रहेगा। प्रशासन द्वारा पहल की देरी से परिजन और ग्रामीण गुस्से और नाराजगी में है।
परिजन और ग्रामीण खुलेआम आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन और नेशनल हाईवे पूरी तरह इस घटना का जिम्मेदार है इसके पूर्व भी कई घटना घट चुकी है। पर जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं। यह सड़क कई घर के चिरागों को बुझा चुका है और बुझाने को तत्परता के साथ आमादा दिख रहा है। वास्तव में यह कहना लाजमी होगा कि यह मौत का तांडव नेशनल हाईवे और प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता मोनी बाबा बन कर सिर्फ देखते रहने में माहिर साबित हो रही है। पर उनकी तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है। यह मौत का आंकड़ा कब तक रुकेगी कहा नहीं जा सकता। वर्तमान में यह नेशनल हाईवे मुख्य पथ, अग्निपथ बनाम कई घरों के चिराग को लीलने वाला मौत का पथ बन चुका है…..










