जादूगोड़ा के सीआईएसएफ जवानों द्वारा सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए डूब रहे लड़के की बचाई जान।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जादूगोड़ा: जादूगोड़ा डैम की घटना मछली पकड़ने के लिए गए कालिदास नामक लड़का, पिता राम मांझी गांव, उराव टोला इचरा का निवासी है। जो मछली पकड़ने के क्रम में बीचो-बीच नदी में पूरी तरह फंस गया। पूरी घटना ढाई से 3 घंटा चली, घटना के समय पुल पर काफी हलचल मच गई और देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सभी मोबाइल निकाल कर घटनास्थल में वीडियो फोटो बनाने लगे। आनंद फ़ानन में पुलिस प्रशासन जादूगोड़ा, सीआईएसफ जादूगोड़ा, एवं यूसीआईएल के अधिकारी को सूचना दी गई। हादसे के समय कालिदास नाम का लड़का पानी के तेज बहाव में डूबने लगा। माइनर भर की गलती से सेकंड में लड़का की जान जा सकती थी। सीआईएसफ यूनिट के जवानों के द्वारा साहस का परिचय देते हुए तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और बहुत ही मुश्किल से लड़का को नदी के बीचो-बीच से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि डैम में पानी छोड़ने के पहले सायरन नहीं बजाया गया था। पानी का बहाव काफी तेज था। रेस्क्यू को अंजाम देने के लिए सीआईएसएफ के जवानों को काफी दिक्कत हो रही थी। फिलहाल उस समय एक ही उपाय था। फाटक को जल्दी से बंद किया जाए जिससे पानी का बहाव कम हो जाएगा और तैरते हुए लड़के तक पहुंचा जाए। अब आप बदकिस्मती कहेंगे कि घटना के समय फाटक को बंद करने के लिए बिजली भी नहीं थी। और ना थी कोई बैकअप प्लान। थोड़ी सी मिस्टेक में जान जा सकती थी। आनंद फ़ानन में मैन्युअल द्वारा तुरंत फाटक को बंद किया गया। पानी का बहाव धीमे होते ही सीआईएसएफ के जवान के द्वारा चुस्ती फुर्ती में अपनी जान की परवाह किए बगैर लड़के को पानी के बाहर सुरक्षित निकाल लिया गया। वही ग्रामीणों का कहना है कि आपातकालीन संकेत या चेतावनी देने के लिए हॉर्न सायरन भी नहीं बजाया गया। करोड़ों का मुख्य द्वार बनाने वाली यूसीआईएल कंपनी के पास आपातकालीन स्थिति में निपटने के लिए जरूरत के उपकरण भी मौजूद नहीं है। करोड़ों रुपए कंपनी द्वारा बनाने में फिजूल खर्च कर देगी मगर स्टीमर, ड्रोन, एवं आपातकालीन के समय उपयोग में लाने वाले उपकरण के प्रति ऐसी कमरे में बैठे अधिकारियों का ध्यान नहीं जाएगा। मौके पर मौजूद जीएम पर्सनल जादूगोड़ा यूसीआईएल के अधिकारी एमके साहू मीडिया के सवालों के सामने भागते हुए नजर आए। क्या कारण था की फाटक को तत्काल बंद नहीं किया जा सका? इनका जवाब कौन देगा? जादूगोड़ा डैम की हालत भी दिन पर दिन खराब होती जा रही है। फाटक पुराने हो चुके हैं। अगर कोई बड़ी घटना हो जाए तो इसका जवाब कौन देगा? जादूगोड़ा पुलिस प्रशासन एवं सीआईएसएफ जवानों की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। अपनी जान को ऐसे जोखिम में डालकर मछली पकड़ना कितना सही है, यह आप ही तय करें।

Desh Live News
Author: Desh Live News

Leave a Comment

और पढ़ें