जमशेदपुर, झारखण्ड : बड़ौदा घाट, पारंपरिक समारोहों के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है, वर्तमान में गंदगी, बदबू और स्वास्थ्य जोखिम का गढ़ बन चुका है। 01 मार्च 2025 से सफाई व्यवस्था में बदलाव किए जाने, नए संवेदकों व कर्मचारियों की नियुक्ति और व्हाट्सएप आधारित शिकायत तंत्र शुरू करने के बावजूद, घाट की वास्तविक दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है।नालियाँ जाम, आसपास बदबूदार पानी, जमा हुआ हैं। जानलेवा वातावरण हैं, घाट की सीढ़ियो मे कचरे के ढेर लगा हुआ हैं। जिससे श्रद्धालुओं और आम लोगों क़ो असुविधा हो रही हैं।प्रशासन द्वारा व्यवस्था में बदलाव की घोषणा की जा रही हैं,और क्षेत्रवासियों को लगातार स्वास्थ्य समस्याओं और पर्यावरणीय ख़तरे का सामना करना पड़ रहा है।नगर निगम,पंचायत द्वारा तुरंत नालियों की पूर्ण सफाई की जाई। घाट के सीढ़ियों पर प्रतिदिन सफाई टीम सुबह शाम की सतत तैनाती की जाए, और सफाई और अव्यवस्था पर प्रभावी निगरानी के लिए नियमित टीम बनाया जाए। दौरे और प्रभाव मूल्यांकन से पानी के निकासी पाइप, कचरा पात्र, सार्वजनिक शौचालयों का तुरन्त निर्माण की जाए औऱ व्हाट्सएप से शिकायत प्रणाली के बजाय, स्थानीय हेल्पडेस्क स्लिप प्रणाली लगे, ताकि कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो स्थानीय स्वयंसेवकों संस्थाओं का समावेश, ताकि जन-जागरूकता अभियान से घाट स्वच्छ औऱ सुनिश्चित हो।
हम अधिकारी एवं नगर जल निकासी विभाग से अपील करते हैं कि वे तुरंत 10 दिनों के भीतर उपरोक्त कार्य शुरू करवाएँ। अन्यथा परिषद कानूनी और प्रशासनिक दोनों रास्तों से कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।
