रामगढ़, झारखंड : सावन माह के पहली सोमवारी के दिन मांडू प्रखंड के प्रसिद्ध टूटी झरना मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए सुबह 4:00 बजे से ही कतार बद्ध होकर अपने बारी का इंतजार कर रहे थे। लोगो का कहना हैं कि इस मंदिर की खोज अंग्रेजों के द्वारा रेलवे लाइन बिछाई जाने के दौरान 1925 में की गई थी। इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर भगवान विष्णु के नाभि से स्वतः जलाभिषेक होता रहता है यह जल स्रोत अभी भी लोगों के लिए रहस्य है यहां हर मनोकामनाएं पूरी होती है सावन में इस मंदिर का महत्व बढ़ जाता है।
