पलामू में छात्रों की साइकिलें बनी कबाड़, भ्रष्टाचार के आरोप।

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पलामू, झारखंड: स्कूली बच्चों को मिलने वाली साइकिलें भी अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा कक्षा 8 के छात्र-छात्राओं के लिए ‘उन्नति की पहिया’ योजना के तहत वितरित की जाने वाली साइकिलें बच्चों तक नहीं पहुंच पाईं, जिसका नतीजा यह हुआ कि हजारों साइकिलें कबाड़ में तब्दील हो गई हैं। डाल्टनगंज के डिस्ट्रिक्ट सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के ग्राउंड में जंग खा रही साइकिलें इस लापरवाही की कहानी बयां कर रही हैं।इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सौरभ प्रकाश ने कहा कि “हमारा 2023-24 में जो साइकिलें कंपनी के माध्यम से आई थीं, वे सभी वितरित कर दी गई हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 की साइकिलें कुछ दिन पहले, लगभग दो महीने पहले ही आई हैं। हमने हाल ही में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीओ) के साथ समीक्षा बैठक की थी, और उनके द्वारा बताया गया है कि साइकिलों की असेंबलिंग का काम चल रहा है।”उन्होंने आगे बताया कि “जो कंपनी शिक्षा विभाग को साइकिलें देती है, वही कल्याण विभाग को भी साइकिलें देती है। हमारी साइकिलों की संख्या में सामान्य वर्ग के बच्चे केवल 10% होते हैं, जबकि शेष 80% कल्याण विभाग के होते हैं। इसलिए, हम दोनों विभाग मिलकर साइकिलें बांटते हैं और दोनों के बीच समन्वय रहता है।” सौरभ प्रकाश ने यह भी स्पष्ट किया कि जो साइकिलें पड़ी हुई हैं, वे विक्रेता द्वारा दी गई अतिरिक्त साइकिलें थीं। उन्होंने कहा, “इसकी सूचना हमने राज्य कार्यालय को भी दी है कि अतिरिक्त साइकिलें, अगर वेंडर चाहे तो इसको यहां से उठाकर अपना उपयोग में ले सकता है।

दूसरी ओर, आम जनता का कहना है कि सरकार की तरफ से बच्चों के लिए दी जाने वाली साइकिलें समय पर न मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता यह भी सवाल उठा रही है कि अगर अतिरिक्त साइकिलें आई थीं, तो इसकी जवाबदेही किसकी है? वे सरकार से इस मामले की जांच करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक स्कूली छात्र ने बताया कि उन्हें अभी तक साइकिल नहीं मिली है, बस मिलने वाली है।

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Author: Desh Live News

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