सराइकेला जिले के चांडिल में प्रतिबंधित अफीम के खिलाफ पुलिस ने  बड़ी  कार्रवाई की है|

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रणधीर कुमार सिंह 

चांडिल/सराइकेला 

सराइकेला जिले के चांडिल में प्रतिबंधित अफीम के खिलाफ पुलिस ने  बड़ी  कार्रवाई की है| थाना प्रभारी सोनू कुमार के नेतृत्व में अफीम की अवैधचौका थाना प्रभारी सोनू कुमार के नेतृत्व में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ प्री-कल्टीवेशन ड्राइव, वैकल्पिक खेती को बढ़ावा।
सरायकेला–खरसावाँ जिले में अफीम की अवैध खेती पर पूरी तरह अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरायकेला एस पी द्वारा प्री-कल्टीवेशन ड्राइव लगातार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में चौका थाना क्षेत्र के अफीम प्रभावित गांवों में जागरूकता अभियान के साथ वैकल्पिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पुलिस द्वारा वर्तमान फसलीय वर्ष में अफीम की अवैध खेती की संभावना को नगण्य करने के लिए पिछले वर्ष अफीम की खेती वाले क्षेत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के दौरान यह सामने आया है कि कई किसानों ने अफीम की जगह अन्य फसलों की खेती के लिए खेतों की जुताई कर ली है, जिसे पुलिस प्रशासन ने सकारात्मक पहल बताया है।
इसी क्रम में 20 दिसम्बर को चौका थाना प्रभारी सोनू कुमार के नेतृत्व में हेसाकोंचा पंचायत अंतर्गत ग्राम- मुटुदा के आसपास के जंगली/पहाड़ी क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल 26 कैंप मटकमडीह के सशस्त्र बल के सहयोग से खेतों का भौतिक एवं ड्रोन के माध्यम से सत्यापन किया गया साथ ही जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को अफीम की खेती से होने वाले कानूनी और सामाजिक दुष्परिणामों की जानकारी दी गई तथा वैकल्पिक और वैध खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस दौरान पुलिस की ओर से किसानों के बीच चना, सरसों और गेहूं के उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरित किए गए। करीब 40 से 50 किलो बीज का वितरण किया गया, पुलिस का उद्देश्य किसानों को अफीम की जगह अनाज और सब्जी जैसी वैकल्पिक खेती की ओर जोड़ना है।पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा। खेती के खिलाफ प्री-कल्टीवेशन ड्राइव, वैकल्पिक खेती को बढ़ावा।
सरायकेला–खरसावाँ जिले में अफीम की अवैध खेती पर पूरी तरह अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरायकेला एस पी द्वारा प्री-कल्टीवेशन ड्राइव लगातार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में चौका थाना क्षेत्र के अफीम प्रभावित गांवों में जागरूकता अभियान के साथ वैकल्पिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पुलिस द्वारा वर्तमान फसलीय वर्ष में अफीम की अवैध खेती की संभावना को नगण्य करने के लिए पिछले वर्ष अफीम की खेती वाले क्षेत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के दौरान यह सामने आया है कि कई किसानों ने अफीम की जगह अन्य फसलों की खेती के लिए खेतों की जुताई कर ली है, जिसे पुलिस प्रशासन ने सकारात्मक पहल बताया है।
इसी क्रम में 20 दिसम्बर को चौका थाना प्रभारी सोनू कुमार के नेतृत्व में हेसाकोंचा पंचायत अंतर्गत ग्राम- मुटुदा के आसपास के जंगली/पहाड़ी क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल 26 कैंप मटकमडीह के सशस्त्र बल के सहयोग से खेतों का भौतिक एवं ड्रोन के माध्यम से सत्यापन किया गया साथ ही जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को अफीम की खेती से होने वाले कानूनी और सामाजिक दुष्परिणामों की जानकारी दी गई तथा वैकल्पिक और वैध खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस दौरान पुलिस की ओर से किसानों के बीच चना, सरसों और गेहूं के उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरित किए गए। करीब 40 से 50 किलो बीज का वितरण किया गया, पुलिस का उद्देश्य किसानों को अफीम की जगह अनाज और सब्जी जैसी वैकल्पिक खेती की ओर जोड़ना है।पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।
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Author: Desh Live News

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