दुमका/झारखण्ड
डेढ़ माह से विवि के शिक्षकेत्तर कर्मचारी अपने मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनके द्वारा विवि के प्रशासनिक एवं अकादमिक भवन एवं विभिन्न कालेजों में तालाबंदी कर रखी है।
10 जनवरी को तालाबंदी के कारण विवि का स्थापना दिवस भी परिसर में समारोहपूर्वक नहीं मनाया जा सका। अंततः कुलसचिव ने एसडीओ को पत्र देकर बताया कि विगत डेढ़ माह से कर्मचारियों द्वारा विवि के प्रशासनिक एवं अकादमिक भवनों में आंदोलन के दौरान ताला जड़ दिया है तथा सभी कर्मचारी मुख्य द्वार पर धरना पर बैठे हैं। ऐसे में लंबी अवधि से परीक्षा एवं अन्य कार्यों को सम्पादित करना कठिन हो गया है। इसका सबसे प्रतिकुल प्रभाव छात्रों पर पड़ रहा है। कुलसचिव ने ताला खुलवाने के लिए एसडीओ से दंडाधिकारी एवं पुलिस बल को प्रतिनियुक्त करने का आग्रह किया था। इसपर एसडीओ ने कार्यपालक दंडाधिकारी विनित कुमार और दुमका बीडीओ उमेश मंडल को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त करते हुए तालाबंदी को खुलवाने का निर्देश दिया और दिग्घी ओपी के प्रभारी को विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहने का आदेश दिया।एसडीओ के आदेश पर जब शुक्रवार की देर शाम एसडीपीओ विजय कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी विनित कुमार, दुमका बीडीओ उमेश मंडल और दिग्घी थाना प्रभारी विवि मुख्यालय पहुंचे तो वहां आंदोलनकारी कर्मचारी मौजूद थे। पुलिस ने कहा कि यदि ताला नहीं खोला जाता है तो ताला तोड़ दिया जायेगा और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य अपराधों के लिए नामजद प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी। पुलिस प्रशासन के सख्त रवैये पर कर्मचारी नेता पीछे हट गये। इसके बाद प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों ने विवि के मुख्य गेट पर आंदोलनकारियों द्वारा लगाये गये दोनों तालों को साबल की मदद से तोड़वा दिया।इस मामले में प्रभारी कुलपति डा बिमल प्रसाद सिंह ने बताया कि 26 नवम्बर से कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया था और 29 नवम्बर से विवि के गेट एवं प्रशासनिक भवनों में तालाबंदी कर रखा था। ये सारी सूचनाएं उन्होंने राजभवन को दी थी। कर्मचारी सातवें वेतनमान को लेकर अड़े हुए हैं, इसकी भी सूचना राजभवन को दे दी गयी थी। तालाबंदी के कारण वह आवासीय कार्यालय में ही काम कर रहे थे। 10 जनवरी को राजभवन एवं राज्य सरकार के द्वारा कहा गया कि अब हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से नहीं होगा, पुलिस बल की मदद लेकर ताला खुलवाया जाये जिसपर उनके आदेश पर कुलसचिव ने एसडीओ को ताला खोलवाने के लिए पत्र लिखा और आखिरकार ताला खोलवा दिया गया है। दंडाधिकारी ने बताया कि जब वे लोग मौके पर पहुंचे तो हड़ताल करनेवाले कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पाया गया। पुलिस बल की मदद से विवि के प्रशासनिक भवन के गेट में लगाये गये ताले को खोल दिया गया है।