पाकुड़ : पाकुड़ जेल की दीवारें अब सिर्फ सज़ा नहीं, नया हुनर भी सिखा रही हैं। पाकुड़ मंडलकारा में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया। यहां 20 दिनों तक आचार, पापड़ और मसाला बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार को इसका समापन हुआ। कार्यक्रम में सफल बंदियों को उपायुक्त मनीष कुमार, एसपी प्रभात कुमार और जेलर दिलीप कुमार ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
बंदी बोले गलती से जेल पहुंचे, अब दोबारा नहीं करेंगे ऐसा ।
प्रशिक्षण पाकर कई बंदियों की आंखें नम थीं। एक बंदी ने कहा हमसे गलती हो गई थी, लेकिन अब जेल से बाहर जाकर मेहनत से कमाएंगे, कोई गलत रास्ता नहीं चुनेंगे। बंदियों का कहना है कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें जीने की एक नई उम्मीद दी है।
डीसी बोले हुनर ही सबसे बड़ा सुधार है ।
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा स्थानीय स्तर पर बने आचार-पापड़ की शहरों में भारी डिमांड है। अगर इसे व्यवसायिक रूप दें तो बंदियों को अच्छी आमदनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि आगे ब्लड डोनेशन, काउंसलिंग और योगा कैंप जैसे आयोजन भी जेल में होंगे।
एसपी ने कहा बंदियों को देना है समाज में सम्मान
एसपी प्रभात कुमार ने कहा बंदी भी समाज का हिस्सा हैं। जेल से बाहर निकलकर वे सम्मानजनक जीवन जी सकें, इसके लिए यह प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोजगारपरक प्रशिक्षण आगे भी जारी रहेंगे।
प्रशिक्षण से मिला आत्मविश्वास, अब शुरू होगा नया सफर
आरसेटी के सहयोग से दिया गया यह प्रशिक्षण बंदियों के लिए जीवन की नई शुरुआत जैसा है। जिला प्रशासन की इस पहल की हर ओर सराहना हो रही है।









