उमेश कांत गिरि
घाटशिला : घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति सदस्य रमेश हांसदा ने घाटशिला के एक होटल में प्रेस वार्ता आयोजित कर भाजपा से प्रत्याशी बनाए जाने का दवा करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में कईयों को विधायक तथा सांसद बनाया है. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में आए तो उन्हें भी जीत दिलाने के लिए पूरे दम-खम के साथ संगठन के साथ खड़े रहे. दुमका के चुनाव में दिशोम गुरु स्व. शिबू सोरेन को पराजय दिलाने का काम किए हैं. पार्टी मौके देती है तो अपने कार्य व संगठन के बल पर जीत सुनिश्चित हासिल होगी. संथाल समाज में एक विश्वसनीय नेता की छवि होने के कारण समाज से वोट लाने का दमखम रखते हैं. चाहे बीजेपी हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा जिस किसी दल में रहे उस दल में संथाल वोट को एकत्रित करने का कार्य किया. संथाल समुदाय के लिए अपने राजनीतिक जीवन में कई बड़े कार्य किए हैं. चाहे वह पॉलिसी की लिपि को मान्यता दिलाना या रघुवर की सरकार में सरकारी भवनों का नाम ओल चिकी लिपि में लिखाना हो, देश परगना स्वर्गीय हरेंद्र नाथ मुर्मू के साथ अपना गांव में अपना राज की लड़ाई लड़ी. क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे.
उन्होंने कहा कि जनता की मांग पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए ही इस उपचुनाव में पार्टी से प्रत्याशी बनाए जाने का मजबूत दावेदारी पेश की है. पार्टी यदि प्रत्याशी बनाता है तो निश्चित रूप से 2029 के चुनाव में भाजपा की सरकार राज्य में बनना तय है.
घाटशिला में जनता को केवल अब तक मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही दिखाते हुए आए हैं जो संपूर्ण लाभ जनता को मिलना चाहिए था. उस लाभ से जनता को दरकिनार कर सिर्फ ठगने का कार्य किया गया है. रमेश हांसदा ने कहा कि जनहित के सर्वोपरि प्राथमिकताएं मुद्दे को लेकर ही उपचुनाव में मेने प्रत्याशी का दावेदारी किया गया है.
