उमेश कांत गिरि
घाटशिला
- मुझे नशा दो – नशा दो, ड्रग्स दो, नशे की सुई दो, पाउडर अथवा गुटका दो.
मैं छटपटाहट भरे असहनीय दर्द से मर जाऊंगी, आत्महत्या कर लुंगी…..
यह चीख बुधवार को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में दिन भर सुनाई देती रही।अपनो के ही यातना और परेशानी से एक युवती अस्पताल में हाथ जोर कर लोगों से ड्रग्स की भीख मांग रही है।
जानकर आपको इस लड़की के बदचलन होने का अंदाजा लग रहा होगा,की कैसी लड़की है जो नशा के लिये लोगों से ड्रग्स की मांग कर रही है।
लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इस लड़की को इस हालात में पहुंचाया कौन, इसके जिम्मेदार माता पिता कहाँ हैं,जिस समाज मे यह पली बढ़ी वह कहां है ,इसे इस हालात में पहुंचाने वाला भेड़िया आखिर कौन है। इस तरह कर के कई सवाल इस लड़की की हालात खड़ा कर रही है और सभ्य समाज से चीख चीख कर उनकी जिम्मेदारी का एहसास करा रही है।
दरअसल घाटशिला के गालुडीह थाना अंतर्गत मंगलवार देर रात लगभग दो बजे गालुडीह ओवर ब्रिज नेशनल हाईवे 18 पर गालूडीह पुलिस की पैट्रोलिंग वाहन रात्रि गश्ती कर गुजर रही थी, जिनकी नक़्जर इतने श्याह अंधेरी रात में सुनसान एनएच पर एक युवती जिसकी उम्र लगभग 20 वर्ष की होगी भटक रही है,जिसपर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी का परिचय कराते हुए उक्त लड़की को पुलिस अभिरक्षा में लेकर गालूडीह थाना ले गयी।और उसके बारे में उससे जानकारी लिया गया जहां पुलिस के अनुसार युवती अपने आप को पश्चिम बंगाल के दीघा की रहने वाली बताती है। और किसी भाड़ी मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुई है,जिसे उस युवती को पुलिस अपनी अभिरक्षा में अनुमंडल अस्पताल घाटशिला लेकर आई है और इसका ईलाज करा रही है।
खबर को सुनकर घाटशिला जिला परिषद के सदस्य करण सिंह उर्फ टिंकू भी उस युवती की जानकारी लेने अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। इसके उपरांत चाइल्ड लाइन के जिला कोऑर्डिनेटर राकेश मिश्रा भी उस युवती से मिलकर पूछताछ कर जानकारियां प्राप्त किया।
इस दौरान इस पीड़ित लड़की ने जो बात कही है वह आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसका देगी।
युवती ने अपनी इस हालत के लिये अपने ही जन्म देने वाले पिता पर गंभीड़ और दिल दहला देने वाला आरोप लगाया है।
लडकी हाथ जोड़कर रोते बिलखते सुबकते हुए बता रही है कि उसके पिता उसके साथ कई बार उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर चूके हैं।और मेरी सौतेली मां मुझे बहुत प्रताड़ित करती है। और उसके साथ शारीरिक मानसिक ज्यादती करते हुए खाना तक ठीक ढंग से नहीं दिया जाता है। सिर्फ खुब मारा-पीटा जाता है। सुबकते हुए युवती अपने हाथों और पैरो में कई जगह जलाएं गए के निशान दिखाते हुए यातना देने कि भी बातें बताती है। युवती यह भी अपने साथ घटित घटना के मंजर को बताते हुए कहती हैं, कि उसके न चाहने पर भी उसके अपने पिता और सौतेली माता मजबूरन उससे जोर जबरदस्ती नशे की सुई और ड्रग्स आदि का पाउडर रूपी नशा देकर गलत कार्य करवाती है।
अनुमंडल अस्पताल में भी युवती बार-बार नशे के लिए चिकित्सकों, नर्स, कर्मियों अस्पताल में भर्ती परिजनों से लेकर हर किसी से नशा दो… नशा दो… कि रट लगा रही है, बिलखते गिड़गिड़ाते सुबकते हुए अपने दोनों हाथों को जोड़कर बस प्रार्थना ही किए जा रही थी। कि मुझे नशा दो, गुटका दो, ड्रग्स दो, या नशे की सुई अथवा पाउडर दो… कि ही बार- बार रट लगाते हुए जोर-जोर से चीखे जा रही थी। उसकी चीखों से अनुमंडल अस्पताल थर्रा रहा उठा । उसकी शरीर में असहनीय दर्द और बार-बार टेढ़े-मेढ़े अकड़न सी उत्पन्न स्थिति हो रही थी। अस्पताल के बेड पर भी उछलते हुए यह भी लगातार कहे जा रही थी। कि मेरे शरीर में असहनीय दर्द हो रहा है, मैं दर्द सह नहीं पा रही हूं, मुझे प्लीज… प्लीज… मुझे नशा दो बार-बार कहते हुए बस मांगे ही जा रही थी। युवती को अस्पताल द्वारा खाना दिए जाने पर नहीं खाकर फेंक दे रही थी। और वह कई बार अपने बेड के समक्ष आसपास कचरे के डिब्बे में से डिस्पोजल सुई सिरिंज ढूंढ कर अपने शरीर में चुभोने की लगातार कोशिश कर रही थी। कि अस्पताल कर्मियों ने बड़ी बमुश्किल कड़ी मशक्कत करते हुए पकड़ कर डिस्पोजल सी सिरिंज को उसके हाथों से छुड़ाकर फेंका और बेड पर लेटाया गया। उसे अस्पताल द्वारा खाना देने पर वह नहीं खाकर गुस्से के आवेश में फेंक देती थी। उस युवती की ऐसा दशा देखकर अस्पताल में भर्ती मरीजों और उसके परिजनों के भी आंखों में आंसू आ जा रहे हैं।
उस युवती ने अपना नाम सरिता कुमारी (छद्दम काल्पनिक नाम), पश्चिम बंगाल दीघा का निवासी बताती है।
चाइल्डलाइन के राकेश मिश्रा भी अपने स्तर से छानबीन करते हुए उस युवती को गुरुवार 18 सितंबर 2025 को उसके घर पश्चिम बंगाल दीघा पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही पुलिस और चाइल्डलाइन यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार यह युवती पश्चिम बंगाल दीघा क्षेत्र से यहा पर किस परिस्थिति में पहुंची है। अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर प्रेम जाल में फंसाकर लाई गई हो या फिर मानव तस्करी रैकेटों पर भी अंदेशा जताया जा हैं।
बहरहाल, ईश्वर का शुक्र है कि भगवान विश्वकर्मा पूजा त्यौहार कारणों से राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियां बहुत ही कम मात्रा में चल रही हैं। नहीं तो उसके साथ किसी बड़ी अनर्थ घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता था।
गालुडीह पुलिस ओपी थाना प्रभारी अंकुर ने बताया कि उसे युवती के परिजनों से संपर्क स्थापित द्वारा जानकारी दिया जा चुका है। परिजनों के आने के उपरांत ही सारी जानकारी मिल पाएगी।
वैसे भी पुलिस अपने स्तर से कई पहलुओं पर गंभीरता पूर्वक से कार्य करते हुए छानबीन कर रही है।
बहरहाल पुलिस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रही है और इस लड़की की सुरक्षा और आगे की राह को आसान बनाने में जुटी हुई है।
