जमशेदपुर
पश्चिम के विधायक सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त के साथ जमशेदपुर शहर की समस्याओं को लेकर बैठक की. बैठक का मुख्य मुद्दा मानगो नगर निगम क्षेत्र का कचरा निष्पादन की समस्या था. विधायक श्री राय ने उपायुक्त से इस समस्या का शीघ्र निदान करने की मांग की और कहा कि इस बारे में मानगो की जनता का धैर्य टूटने की कगार पर पहुंच गया है. दो दिनों के भीतर अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मानगो की जनता सीधी कारवाई पर उतरने के लिए विवश हो जाएगी.सरयू राय ने उपायुक्त से कहा कि मानगो नगर निगम द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद रोज़ निकल रहे कचरा का पूरा उठाव नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि मानगो नगर निगम क्षेत्र में जगह-जगह कचरा भरा पड़ा है. जिस तरह से जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र का कचरा टाटा स्टील के बारा कॉम्प्लेक्स में गिराया जा रहा है, उसी प्रकार मानगो नगर निगम का कचरा भी बारा कम्प्लेक्स में गिराया जाए. 2010-11 से जेनएसी और मानगो का कचरा बारा में गिरता था. बाद में टाटा लीज की ज़मीन पर ही मरीन ड्राइव के किनारे मानगो और जेएनएसी का कचरा टाटा स्टील की सहमति से गिरने लगा. रिहायशी इलाक़ा के बीच होने के कारण तथा कचरा ढेर में आग लगते रहने के कारण एनजीटी ने अप्रैल 2023 में हस्तक्षेप किया तो जेएनएसी का कचरा बारा कॉम्प्लेक्स में गिरने लगा और मानगो की समस्या को वैसे ही छोड़ दिया गया. अब यह आप पर (उपायुक्त) है कि टाटा स्टील से वार्ता कर यह सुनिश्चित कराएं कि मानगो का कचरा भी वहीं गिरेगा, जहां जेएनएसी का कचरा गिर रहा है.श्री राय ने कहा कि टाटा स्टील मानगो के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी से भाग नहीं सकता. मानगो के साथ टाटा स्टील का अटूट संबंध है. इस संबंध पर आंच नहीं आनी चाहिए. जेएनएसी के वार्ड 7, 8, 9 से ही एमएनएसी बना है. डिमना रोड, मानगो चौराहा, डिमना चौराहा, एमजीएम कॉलेज, पानी का पाईपलाइन, हज़ार से अधिक टाटा स्टील कर्मियों का निवास मानगो में होना आदि टाटा स्टील और मानगो के बीच सक्रिय संबंध के उदाहरण हैं. इस प्रकार जेएनएसी के साथ साथ मानगो नगर निगम का भी टाटा स्टील की जनसुविघा संरचनाओं पर अधिकार बनता है. इसे ध्यान में रखते हुए उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम मानगो के कचरा प्रबंधन के लिए टाटा स्टील के बारा कॉम्प्लेक्स में स्थान सुनिश्चित कराना चाहिए।
कचरा निपटारे के मामले को लेकर ही मानगो क्षेत्र का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जिला उपयुक्त से मिला और कहा कि अब अपना शहर क्लीन और ग्रीन सिटी नहीं बल्कि डर्टी सिटी में तब्दील हो गया है. खास कर मानगो क्षेत्र की स्थिति सबसे ख़राब है. पूरे मानगो से कचरा उठाया जा रहा है और उसे गाड़ियों में जमा किया जा रहा है. उसका निष्पादन पिछले कई हफ्तों से नहीं हो रहा है. मानगो अधिसूचित क्षेत्र समिति का इसे लेकर कोई होमवर्क ही नहीं है. मानगो की क़रीब चार लाख की जनता त्राहिमाम कर रही है. दुर्गंध की वजह से लोगों का जीना मुहाल है. सड़ांध इतनी कि महामारी फैलने की आशंका बलवती हो गई है. मानगो अधिसूचित क्षेत्र समिति के साथ-साथ जिला प्रशासन भी इस समस्या का निदान अब तक नहीं कर पायी है.ज्ञापन में लिखा गया हैःउपायुक्त महोदय, पिछले नवंबर माह में आपने अपने कार्यालय में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 को लेकर सभी निकायों की एक बैठक की थी. उसमें पूरे शहर से आह्वान किया गया था कि कचरे के विरुद्ध जन-आंदोलन चलायें. लेकिन जिस प्रकार कचरा निष्पादन को लेकर जिला प्रशासन का ढुलमुल एवं संवेदनहीन रवैया है, इसमें जल्द सुधार नहीं होता है, तो वृहत जन-आंदोलन किया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने जेएनएसी के तर्ज पर ही मानगो नगर निगम का कचरा निष्पादन टाटा स्टील द्वारा संचालित बारा कॉम्प्लेक्स परिसर के डंपिंग यार्ड में करने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल में सुबोध श्रीवास्तव, पप्पू सिंह, मस्तान सिंह, कुलविन्दर सिंह पन्नू, मंजू सिंह, प्रवीण सिंह, प्रकाश कोया, मल्लू सिंह, मण्केश्वर चौबे, शिवपूजन सिंह, मुकेश सिंह, वीरू सिंह, भोला सिंह, प्रीति सिन्हा, ब्रजकिशोर सिंह, राजदीप यादव, राहुल आदि शामिल थे.