चांडिल
मंगलवार दिन शाम की घटना चांडिल गोलचक्कर के मानिकुई सड़क पर उड़ीसा से पहुंचे वाइल्ड लाइफ रॉयल बंगाल टाईगर ने हमला कर दिया था।
किसी प्रकार चालक बच कर निकल गया। हमले के बाद बाघ नहर के रास्ते होते हुए कांगलाठाड़ गांव की तरफ पहुंचे ,सवाल यह उठता हैं की किसी ग्रामीणों को कोई इस बात का पता नहीं लगा, रसुनिया जंगलों की ओर टाईगर की पद मार्ग की चिन्ह देखने को मिला। सुखसारी से रसूनिया जाने वाले पहाड़ी क्षेत्र की तराई में सड़क निर्माण की कार्य चल रहा हैं और कल शाम छ बजे के आसपास सड़क पर ताजा पीसीसी ढलाई भी हुआ था ।और रात्रि में टाईगर गोलचक्कर से काँगलाठाड़ पहुंचे होगे l जहां पीसीसी ढलाई में स्पष्ट बाघों की पदमार्ग चिन्ह देखने को मिला। भारी भरकम बाघ होने के कारण ढलाई में स्पष्ट रूप देखने को मिला l बाघों की हमला की चर्चा से चांडिल वासियों मे दहशत का माहोल हैं वहीटाईगर का अबतक का पहला हमला बताया जा रहा ।इस संबंधन में चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी शशि रंजन प्रकाश पूछे जाने पर बताया कि जिस व्यक्ति पर हमले की बाते सामने आरही हैं वही चालक राम प्रसाद महतो से पूछे जाने पर बताया कि हमे लगा कि बाघ ने हमला किया हैं और में डर गया था। कल रात्रि शहरी क्षेत्र में कुत्ते की ज्यादा भूखने की आवाज मिली l जिसे लोगो को विश्वास हो गया ।रात्रि में बाघ शहरी क्षेत्रों होते ही कांगला ठाड़ की तरफ पहुंचे ।वही टाईगर उड़ीसा राज्य के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से एक सप्ताह पहले चांडिल पहुंचे ओर क्षेत्र में घूम रहा हैं किसी ग्रामीणों को अबतक बाघों की सामना नहीं हुआ ।परंतु पदमार्ग की चिन्ह विभिन्न जगह पर देखने को मिल रहा हे। भोजन और पानी की तलाश में बाघ भ्रमण कर रहे हे।उस जगह पर बाघ की पदमार्ग देखने को मिल रहा हे। ग्रामीणों का कहना हे राज्य सरकार एंब वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसे स्थानीय ग्रामीणों के बीच दहशत फैला ओर लोगो डरे सहमे रहने लगा ।कही बाघ नहीं पहुंच जाए ।एक तरफ ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में गजों की आतंक के बाद अब दूसरा आपत टाईगर की आतंक देखने को मिला । ग्रामीण बाघों से सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्राथना करने लगे हैं ।