चतरा के सिंदूरी गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चे नदी का दूषित पानी पीने को मजबूर

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चतरा: कहने को तो झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था पर हर वर्ष लाखों करोड़ों खर्च कर रही है। लेकिन चतरा के एक विद्यालय से जलसंकट की आई यह तस्वीर राज्य सरकार को मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है। सरकारी स्कूल के छात्र छात्राओं को पीने का दो बूंद पानी तक मयस्सर नहीं है। जिसके चलते स्कूली बच्चों को नदी का दूषित व गंदा जल का सेवन करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि बच्चों के लिए स्कूल में बनने वाले मिड-डे मील भी इसी पानी से बनता है। शिक्षकों की माने तो वह इसकी जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर विभागीय अधिकारियों को देने के साथ ही बच्चों को स्वच्छ पानी उप्लब्ध कराने के लिए गुहार लगा चुके है। लेकिन अब तक इस दिशा में को कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वहीं दूसरी ओर बच्चों के लगातार बगल के नदी से गंदा पानी पीने और उसी पानी से मिड-डे मील का खाना बनने से वह कभी भी बीमार पड़ सकते है।झारखंड सरकार में सरकारी स्कूल को बच्चों में दो बूंद पानी तक मयस्सर नहीं है। आठ साल में झारखंड सरकार प्यास बुझाने तक में नाकाम रही है। सबसे पहले चतरा जिले से आई ये तस्वीर देखिए। कुंदा प्रखंड के नवादा पंचायत के सिंदूरी गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय आज तक स्कूली बच्चों में दो बूंद पानी मयस्सर नहीं हुआ। पेयजल आपूर्ति विभाग की ओर भले ही स्कूल कैंपस में एक चापानल लगा दिया गया हो लेकिन इस चापानल से एक बूंद भी पानी नही निकलता।चतरा से भाजपा सांसद कालीचरण सिंह व चतरा विधानसभा क्षेत्र के लोजपा रामबिलाश पार्टी के विधायक जनार्दन पासवान को सिंदूरी स्कूल के बच्चों की ये बेवशी जरूर देखनी चाहिए। झारखंड के अबूआ सरकार के इस क्षेत्र में बूंद बूंद पानी के लिए स्कूली बच्चे तड़प रहे हैं। सरकार ने हर घर पानी पहुंचाने का दावा किया था। लेकिन यहां तो सिंदूरी स्कूल के बच्चों को पास के ही नदी में जाकर गंदा पानी के सहारे प्यास बुझानी पड़ रही है। जिससे उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जो बच्चे कभी भी गंभीर बीमारी के चपेट में आ सकते हैं।

 

वही इस मामले पर चतरा लोकसभा से भाजपा सांसद कालीचरण सिंह से सवाल किए जाने पर अपना पल्ला झाड़ते हुए साथ ही राज्य के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पांच सालों तक मंत्री रहने के बाद भी अगर इस तरह का मामला सामने आते है तो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि देश के आजादी के इतने वर्षों बाद भी अगर इस तरह की दृश्य सामने आ रहा है तो बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है।आगे उन्होंने बताया कि यह मामला हमारे संज्ञान में अब तक नहीं आया था हालांकि अभी मीडिया कर्मियों के माध्यम से हमें जानकारी मिली जिसको लेकर हम वहां एक चापानल लगवाने का प्रयास करेंगे।आगे जब इस मामले में जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक रामजीत कुमार से बात किया गया तो उनका कहना था कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिंदूरी में स्कूल में बच्चे गंदा पानी पी रहे है इसकी जानकारी कुछ दिन पहले भी मुझे मिली थी इसके बाद में पीएचडी विभाग के अधिकारियों से बात कर उस स्कूल में एक चापानल लगवाने का काम किया था लेकिन अभी वर्तमान में आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि सिंदरी स्कूल के बच्चे एक बार फिर नदी का पानी पीने को विवश हो गए हैं जिसको लेकर मैं गंभीर हूं और आज ही जिले के उपायुक्त के साथ बैठक कर इस मामले पर विचार करूंगा और वहां जल्द से जल्द एक चापानल लगवाने की कोशिश करूंगा।अब खबर दिखाई जाने के बाद देखना लाजमी होगा की स्कूली बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था जिले के अधिकारियों के साथ सांसद द्वारा कराया जाता है या अभी भी स्कूली बच्चों को बूंद बूंद पानी के लिए हाय तौबा मची रहती है।

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Author: Desh Live News

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